उत्तराखंड के पारम्परिक लोक नृत्य
यक़ीनन ढोल -दमाऊ, रणसिंगा, और मशकबीन के सुरमयी तालमेल से जो नृत्य झंकार फूटती है उसका आज के DJ और बैंड से कोई भी सीधी तुलना नहीं है । उत्तराखंड की देवभूमि अपनी विभन्न कला विरासतों को सुंदरता से संजोई …
यक़ीनन ढोल -दमाऊ, रणसिंगा, और मशकबीन के सुरमयी तालमेल से जो नृत्य झंकार फूटती है उसका आज के DJ और बैंड से कोई भी सीधी तुलना नहीं है । उत्तराखंड की देवभूमि अपनी विभन्न कला विरासतों को सुंदरता से संजोई …
किसीने बहुत खूब ही कहा है कि “अंत का जश्न मनाओ क्योंकि वे नयी शुरुवात के ठीक पहले होते हैं । और इसी कहावत को सार्थक करती है उत्तराखंड के एक छोटे से गाँव के युवाओं द्वारा शुरू की गयी …
कोरोना की इस वैश्विक महामारी में बहुत से लोगो को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा, विशेषकर इसका असर हमारे उत्तराखंड की लोगो पर पड़ा क्योंकि यहाँ के अधिकतर लोग राज्य से बाहर रोजगार की खोज में गए थे। यहाँ …
Continue Readingमुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना : शुरू करें अपना कारोबार और बने आत्मनिर्भर