किसीने बहुत खूब ही कहा है कि “अंत का जश्न मनाओ क्योंकि वे नयी शुरुवात के ठीक पहले होते हैं । और इसी कहावत को सार्थक करती है उत्तराखंड के एक छोटे से गाँव के युवाओं द्वारा शुरू की गयी ये अनूठी पहल ।
कोरोना से पहले उत्तराखंड के गाँवो में मानो एक सनाट्टा सा छा गया था माइग्रेशन की मार झेलता राज्य का अधिकतर युवा तबका या तो रोजगार के जद्दो जहद में राज्य से बहार नौकरी करने गया हुआ था या फिर देहरादून, हल्द्वानी, या श्रीनगर जैसे शहरों में पढ़ाई या प्रतियोगी परीक्षाओं कि तैयारी में जुटा हुआ था । किसे पता था की कोरोना जैसी विष्वव्यापी वैश्विक महामारी आएगी और सारे समीकरण उलट पुलट कर देगी। नतीजन लॉक – डाउन का ऐलान हुआ और युवाओं को गाँव की तरफ रुख करना पड़ा।
ऐसे हुई शुरुवात –
कहते हैं कि विप्पतियों से अपार सम्भावनायें पैदा होती हैं और इसी धारणा को पकड़ रुद्रप्रयाग जिले के अरखुंड गाँव के युवा सुमित राणा और रविन्द्र झिंक्वाण ने गाँव के अन्य युवा साथियों की एक टीम बनाकर एक ऐसी अनूठी पहल की शुरुवात की की उन्होंने गावं की तस्वीर बदल के रख दी । सुमित ने श्रीनगर गढ़वाल यूनिवर्सिटी से ड्राइंग से BA और MA कि पढ़ाई की है जिसका उन्होंने बखूबी प्रयोग करते हुए गावंवाशियों के घरों की दीवारों को अपनी सुन्दर चित्रकारी की सुसज्जित कर गावं में मानो एक नयी रौनक पैदा कर दी । ये सारी पेंटिंग्स अपने आप में बहुत खूबशूरत हैं और हर पेंटिंग समाज को एक सन्देश प्रदान करती है। चित्र के संदेशों को बेहतर तरीके से लोगो को समझाने की लिए इन युवाओं ने दिल को छूने वाले गढ़वाली कहावतों का प्रयोग किया है ।
मन में गाँव को सजाने का ख्याल आया तो इन युवाओं ने पेंटिंग में लगने वाली सभी समाग्री को खुद से पैसे इकट्ठे कर ख़रीदा और काम शुरू कर दिया। बाद में इनको गावं वालो का भी समर्थन मिला और ये अभी तक कुल ऐसी १५ वाल पेंटिंग बना चुके हैं । जिससे की गांव की सुंदरता और बढ़ने लगी है ।
इनमे से पेंटिंग्स कुछ हमारी संस्कृति को दर्शाती हैं, कुछ पेंटिंग्स में देशभक्ति और देशप्रेम का भाव निहित है । और एक पेंटिंग गाँव गौरव के नाम से बनाई गयी है जो गाँव के उन सम्मानित लोगो को समर्पित है जिन्होंने ग्रामसभा का नाम रोशन किया है । ये निश्चित तौर पे आने वाली पीडियों के लिए आदर्श और प्रेरणा का प्रतीक बनेंगी और वर्तमान काल में सम्पूर्ण ग्राम वाशियों में एकता और प्रेम का भाव जगाये रखेगी ।
इन युवाओं का ये काम वाकई कबीले तारीफ़ है और इनके द्वारा दिया गया सन्देश हमको हमारी मूल संस्कृति से जुड़े रहने की प्रेरणा देता है । इनका मनोबल बढ़ाने के लिए इनके प्रयासों को बाकी लोगों तक भी साझा करें।
“हमारे इस छोटे से प्रयाश से हमारे अपने गाँव सुन्दर और सुसज्जित बनाये जा सकते हैं ये देख के ख़ुशी मिलती है । भविष्य में जब भी टाइम मिलेगा ये काम करते रहेंगे इस काम को रोकेंगे नही । “
Sumit Rana
सुमित ने अपने ५ अन्य साथियों की साथ मिल की २०१५ में Alive Art Group की शुरुवात की जिसके बैनर तले, कला को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न प्रतियोगितायें और प्रदर्शनियां आयोजित करवाते रहते हैं । इनसे जुड़ने के लिए आप इनके फेसबुक पेज को लाइक कर सकते हैं और और इनके व्हाट्सप्प मैसेज कर सकते हैं ।
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